जहां पैदल चलने से लगता है डर, वहां ट्रक दौड़ाती है 25 साल की यह युवती

देश-विदेश

अजय बन्याल, शिमला। ह‍िमाचल प्रदेश के किन्नौर में दुन‍िया की सबसे खतरनाक सड़कों में जहां बड़े बड़े चालकों के पसीने छूट जाते है….पैदल चलने वाले लोग गहरी खाईयों को देखकर घबरा उठते हैं। उन सड़कों पर किन्नौर की ही 25 वर्षीय युवती पूनम नेगी 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से आराम से ट्रक चलाती है। न उसके चेहरे पर कोई भय नजर आता है न ही कोई श‍िकन। कुछ नजर आता है तो ऐसे दुरुह‍ पहाड़ों में ट्रक को चलाने का उत्‍साह।

पूनम कहती है कि पहली बार जब उसने स्टेरियंग पकड़ा था। तो कई लोग कई तरह के कमेंट करते थे। यहां तक कि परिवारों वालों को कहते थे कि लड़की है इसे क्यों ड्राइविंग सिखा रहे हो। यहीं नहीं अगर पूनम किसी से ट्रक चलाने को मांगती थी। तो भी कई चालक उसका मजाक उड़ाते थे। लेकिन पूनम जब ऐसे लोगों के सामने स्पीड से ट्रक या वाहन लेकर जाती थी तो उनके मुंह बंद हो जाते थे। पूनम के परिजनों ने कभी ड्राइविंग करने से नहीं रोका। पूनम के पिता बागबान है। लेकिन बेटी के शौक को पूरा करने के लिए एक कार खरीद दी। ताकि निपुण हो सके। पूनम की ताकत उसके परिवार के सदस्य है। जिन्होंने हमेशा प्रोत्साहित किया।

जब पूनम सातवीं कक्षा में थी। तो कार चलाना सीख लिया था। वर्ष 2011 में ट्रक सीखना शुरू हुआ है। पूनम को ड्राइविंग उसके चाचा हिम्मत सिंह ने सिखाई है। 2013 में ट्रक चलाना पूरी तरह सीख लिया था। उस समय उसने रामपुर से 144 किलोमीटर दूर अपने गांव रारंग तक कई टन सामान से लदा ट्रक चलाकर पहुंचाया था। रारंग तक का सफर पूरा करने के लिए उसे 6 घंटे लगे थे।  इस दौरान वह 8 हजार मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र से भी गुजरी। पूनम के रारंग सही सलामत पहुंचने पर गांववालों ने उसका स्वागत किया और सराहना की।

खतरनाक किन्नौर की सड़के

किन्नौर को दुनिया की सबसे खतरनाक सड़कों के लिए भी जाना जाता है। यहां एक तरफ बड़ी-बड़ी चट्टानें हैं तो दूसरी तरफ सतलुज नदी बहती है। सड़क से नीचे लुढ़के तो मौत तय है। फिर तो कोई चमत्कार ही बचा सकता है। इस हाईवे पर तो लोग पैदल चलने से भी कतराते हैं।

आराम से चलाती है ट्रक

तीन बहनों और दो भाईयों में सबसे बड़ी पूनम है। पूनम ने बताया कि वह 2011 से ड्राइविंग कर रही हैं। जमा दो के बाद कंप्यूटर में डिप्लोमा चंडीगढ़ से किया। अब ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं। उसके परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें जान्हवीं और पूर्णिमा सुप्रिया है, जबकि  दो भाई  कुलभूषण और सत्या भूषण है। एक भाई आर्मी में है। पिता कबीर चंद बागवान है

एचआरटीसी बस चलाना है सपना

पूनम हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस चलाना चाहती है। पूनम के पास बाकायदा एचटीवी लाइसेंस है। पूनम ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रशिक्षण संस्थान में एक माह के लिए ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी ली। तीन साल का अनुभव पूनम के पास नहीं था। इसी वजह से पिछली बार चालक के पद के लिए आवेदन नहीं कर पायी थी।  इसके अलावा खारदुंगला सड़क में ट्रक  चलाना चाहती है।  पूनम ने बताया कि उसकी इच्छा है कि वह दुनिया के सबसे उंचाई वाली सड़क खारदुंगला पास पर ट्रक चलाए। बता दें कि लेह में खारदूंगला के पास दुनिया का सबसे कठिन मोटरेबल पास है। यह 18380 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

नहीं लगा कभी डर

पूनम ने बताया कि उंचाई और खतरनाक रास्तों से उसे डर नहीं लगता है। शुरुआत में लोग उसे रोकते थे। तरह-तरह के कमेंट करते थे कि लड़की है कैसे ट्रक चलाओगी। कभी ऐसे लोगों की मैंने नहीं सुनी। मेरी जिदद थी कि मुझे ट्रक चलाना है और वो जिद मैने पूरी कर ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *